Monika garg

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लेखिनी 15 पार्ट सीरीज प्रतियोगिता # सती बहू(भाग:-7)

गतांक से आगे:- 


चंदा खाली बर्तनों को हथेली की दाब से दबाती हुई होले होले कदम रखकर चल रही थी कहीं बर्तनों से आवाज हो जाए या चंदा के कदमों की आहट हो गई तो किसी को पता ना चल जाए कि चंदा इतनी रात को घर से बाहर थी।

आज पता नहीं क्यों श्याम को यूं खाना खिला कर उसे आत्मसंतुष्टि सी हुई थी।आज हल्के हल्के बादल भी छाए हुए थे जब वह श्याम के लिए रोटी लेकर जा रही थी अब लौटते वक्त बादल गहरे हो गये थे और रिमझिम फुहार भी पड़ने लगी थी ।चंदा भीगने के डर से तेज कदमों से चलने लगी फटाफट घर पहुंच कर बर्तन आंगन में जूठ में रखकर मुड़ी ही थी कि चचिया सास की आवाज आई,"चंदा बिटिया कहां गयी थी इतनी रात गए?" 

चंदा ने कपड़े झाड़ते हुए कहां ,"चाचीजी वो थोड़ी रोटियां बच गयी थी तो गाय को डालने गई थी तभी बरखा आ गई ।"

"बिटिया सुबह डाल आती रोटी ,देख पगली सारी भीग गई है ।ताप चढ़ आया तो?"

चचिया सास ने चिंतित होते हुए कहा।


चंदा ने बस यही बोला" जी, आगे से ध्यान रखूंगी।"


चंदा अपनी कोठरी में चली गई।और पलंग पर लेटे लेटे श्याम की बातों को याद करने लगी ।उसे याद है जब श्याम सहर पढ़ने जा रहा था तो उस रात वो कितना रोई थी । अल्हड़ उम्र थी तब उसे ये भी पता नहीं था कि आखिर वह रो क्यों रही है।बस रोते जा रही थी ।एक दो बार पिता जी भी खाना खाने के लिए बुलाने आये पर चंदा ने मना कर दिया श्याम अगले दिन शहर चला गया।चंदा को लगा शायद वो उसका दोस्त था इसलिए उसके जाने पर बार बार मन रोने का कर रहा था।

लेकिन आज चंदा जान पाई कि वो एक दोस्त के लिए तड़प नहीं थी उससे कहीं ज्यादा रिश्ता था शायद दोनों में , क्योंकि जो सुकून चंदा को श्याम के साथ बैठकर उससे बातें करके आया वो कभी विशम्बर के साथ उसे महसूस नहीं हुआ।

    विशम्बर एक अलग ही प्रकृति का आदमी था । लोगों को दिखाने के लिए वह उसकी कोठरी में आता था लेकिन पतिधर्म उसने नहीं निबाहया।बस चंदा को थोड़ा सहला चिपटा कर सो जाता था।अक्सर तो उसके साथ लड़ाई झगड़ा ,मार पीट रखता था ।तभी अलग कोठरी में सोता था। चंदा सोचती थी क्या पति ऐसे होते हैं ।उसने एक बार उसकी कोठरी में लड़की की पोशाक देखी थी ।जब विशम्बर ने ये देखा कि चंदा को इस बात का पता चल गया है तो वह दनदनाता उसके कमरे में आया और उसका गला पकड़ कर बोला,

"अगर ये बात बाहर किसी को बताई तो मुझ से बुरा कोई नहीं होगा ,समझी।"

जब तो चंदा ने ये समझा कि हो सकता है  कोई औरत बुलाई होगी विशम्बर ने, क्योंकि ठाकुरों में अक्सर घर की औरतों को छोड़कर बाहर वालियों से रंगरलिया मनाने की आदत होती है।

पर जब उसे हवेली से बाहर निकाला गया उसके थोड़े दिन पहले चंदा ने एक अजीब घटना देखी थी ।वह रात को पानी पीने के लिए उठी ।मन पति के संसर्ग के लिए मचल रहा था वह जैसे ही विशम्बर की कोठरी के दरवाज़े पर पहुंची तो अंदर से चुड़ियों की आवाज आ रही थी ।यह उसके साथ अक्सर होता था और वह उल्टे पांव लौट जाती थी लेकिन आज उसने निर्णय किया कि आज वह देखकर ही रहे गी कि कौन है वो औरत जो उसके पति को उससे छीन रही है उसने खिड़की का दरवाजा हल्का सा खोला तो उसके पैरों के नीचे की जमीन खिसक गई ।ये क्या……

विशम्बर ने औरतों के कपड़े पहन रखे थे और वह शीशे के आगे ऐसे हाव भाव बना रहा था जैसे एक औरत शीशे के आगे बैठकर सजती है। घबराहट में चंदा जैसे ही पीछे हुई ।पास पड़ा तसला उसके पैर पर लगा और शोर हो गया। विशम्बर ऐसे भागा बाहर को जैसे उसे किसी ने बहुत बड़ा अपराध करते पकड़ लिया हो।


 चंदा भागकर अपनी कोठरी में आ गयी।उसकी सांसें धोकनी की तरह चल रही थी।शायद विशम्बर को पता चल गया था कि वह चंदा ही थी जिसने उसे इस रुप में देखा था।उसी के लिए धमकाने वह चंदा की कोठरी में आया था कि" तू कुछ नहीं बोलेगी।"

सारी रात वह चंदा को परेशान करता रहा ।जो निशान देखकर चंदा की सास ने उसे ताना मारा था और लकड़ी से जलाया था कि "बड़ी आई गृहस्थ बसाने वाली।"


वह असल में विशम्बर के दांतों से काटने के निशान थे।चंदा तकलीफ में थी तो सारी रात सो ना सकी और सुबह आंख देर से खुली। जिसका खामियाजा उसे घर से निकल कर चुकाना पड़ा।

रात गहराती जा रही थी शायद बारिश तेज हो गई थी क्योंकि चंदा को बारिश की बूंदों की आवाज तेज महसूस हो रही थी।सारा दिन की थकान ऊपर से वह शाम बारिश में भी भीग गई थी ।रात को चंदा का शरीर भट्टी की तरह तपने लगा। ज्वर की अधिकता के कारण चंदा उठ भी नहीं पा रही थी ।देर रात जब आंधी तूफान का सिलसिला खत्म हुआ तो चंदा ने देखा पूनम का चांद अपने पूरे शबाब पर था।चांद की चांदनी उसे अपने चेहरे पर महसूस हो रही थी ।चंदा ने जैसे ही चांद की तरफ देखा उसे श्याम का चेहरा उसमें नजर आने लगा।

चंदा का चेहरा शर्म से सुर्ख हो गया और उसने आंचल से अपने मुंह को ढंक लिया ।

हां….. हां शायद वह श्याम से प्यार करने लगी थी।


क्या श्याम और चंदा अपने मन की बात एक दूसरे से कह पायेंगे ? जानने के लिए आगे के भाग का इंतजार…..



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3 Comments

HARSHADA GOSAVI

15-Aug-2023 12:52 PM

Nice part

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वानी

03-Jun-2023 05:57 PM

Nice

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